Tuesday, 25 February 2014

असम : घरोंपर लहराते हैं पाक एवं बांग्लादेशके झंडे; बांग्लादेशी घुसपैठियोंके जनतंत्रका विस्फोट !


फाल्गुन कृष्ण पक्ष एकादशी, कलियुग वर्ष ५११५

घरोंपर लहराते हैं पाक एवं बांग्लादेशके झंडे !

हिंदुओ, असमका ही नहीं, अपितु संपूर्ण भारतका ‘इस्लामिस्तान’ होनेसे पूर्व ‘हिंदु राष्ट्र’की स्थापना करें !


गुवाहाटी (असम) : असमकी परिस्थिति प्रतिदिन गंभीर होती जा रही है । देहलीमें बैठकर इसका अनुमान लगाना कठिन है । बांग्लादेशी धर्मांधोंने यहांके मूल निवासियोंको भगाकर बलपूर्वक उनकी भूमि हथिया ली है । दुर्दैवसे व्होट बँकके सामने असमके शासनने बांग्लादेशी धर्मांधोंके सामने घुटने टेक दिए हैं । साथ ही शासन उनपर किसी भी प्रकारकी कार्रवाई करनेमें असमर्थ है । परिणामस्वरूप असममें स्थानस्थानपर पाक तथा बांग्लादेशके झंडे लहराते हुए दिखाई देते हैं ।
१. कुछ दिन पूर्व ही मेरठ महाविद्यालयके संरक्षण अभ्यास विभागके सहायक प्राचार्य डॉ. संजय कुमारने असमके विषयमें जांच की थी, तो यह पाया गया कि वर्ष २०११ की जनगणनाके अनुसार असमके २७ जनपदोंमेंसे ११ जनपद मुस्लिमबहुल हुए हैं । साथ ही मूल निवासी अल्पसंख्यक हो गए हैं । असममें १९५५ में कुल मिलाकर निवासियोंमेंसे ९५ प्रतिशत नागरिक प्रादेशिक थे; किंतु १९७१ में इसमें घटकर आधे ही नागरिक शेष रहे तथा उसी वर्ष बांग्लादेशके अस्तित्वमें आनेके पश्चात असमके मूल प्रादेशिक निवासियोंकी संख्या केवल ३६ प्रतिशत ही शेष रही ।
२. डॉ. संजय कुमारद्वारा प्राप्त सूचनाके अनुसार, असममें ६४ प्रतिशत जनता बाहरसे आई है तथा उनमें भी सबसे अधिक बांग्लादेशी नागरिक हैं । आर्थिक विकासकी ओर अनदेखा करने तथा राजनीतिक उदासीनताके कारण असमपर यह परिस्थिति आई है । कुछ वर्ष पूर्व एकगुट मतदाताओंको आखोंके सामने रखकर कांग्रेस शासनने बांग्लादेशी घुसपैठियोंको स्थानीय नागरिकता प्रदान करनेके लिए कानूनमें परिवर्तन किया । उस समयसे ही असमकी परिस्थिति अधिक गंभीर हुई है । कांग्रेसका आधार प्राप्त होनेसे बांग्लादेशियोंने भी इसका पूरा लाभ उठाया । अतः इसका सबसे भयानक परिणाम यह हुआ कि असमके सीमावर्ती क्षेत्रमें बांग्लादेशियोंकी लोकसंख्या वृद्धि होनेमें स्पर्धा लगी तथा एकएक बांग्लादेशीको चार-चार पत्नियां एवं ५०-५० बच्चे हैं । वहां मतदाताके रूपमें उनका स्थापित होना आरंभ है । इस प्रकार असममें लोकसंख्याका विस्फोट हो रहा है ।
३. इस क्षेत्रमें भ्रमण करनेके पश्चात लौटकर आए कुछ पत्रकारोंने बताया कि यहांकी परिस्थितिका विवरण करना कठिन है । केवल इतना ही समझें कि कछारसहित अनेक प्रदेश भारतके अधिकारसे निकलकर पूरीतरहसे बांग्लादेशी हो गए हैं ।
४. स्थानीय नागरिकोंको बांग्लादेशियोंने भगाया है । वहांके नागरिक धीरज खो बैठे हैं । सेनाकी सहायतासे भी वे लौटनेकी मनःस्थितिमें नहीं हैं । उनकी भूमि बांग्लादेशियोंने बलपूर्वक अधिकारमें ली है । साथ ही अनेक स्थानोंपर, घरोंपर बांग्लादेश तथा पाकके झंडे लगाए गए हैं ।

Monday, 24 February 2014

बांग्लादेश से हिंदुओं को खदेड़ा जाएगा तो वह कहां जाएंगे- नरेंद्र मोदी


फाल्गुन कृष्ण पक्ष नवमी, कलियुग वर्ष ५११५

असम में प्राकृतिक संसाधनों की कमी नहीं है। लेकिन फिर यह राज्य बेहाल क्यों है?


सिल्चर (असम) : बीजेपी के पीएम पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने सिल्चर में एक बड़ी सभा को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस के अंत का समय आ गया है। कांग्रेस पर कभी यकीन मत कीजिए। उन्होंने असम के मुख्यमंत्री तरुण गगोई की जन-विरोधी नीतियों की निंदा करते हुए कहा कि उन्होंने प्रदेश की जनता के हितों की अनदेखी की। उन्होंने कहा कि देश में एनडीए के हक में बयार जल्दी ही सुनामी का रूप ले लगी। सुनामी में कांग्रेस बह जाएगी।
मोदी ने कहा कि असम के बगल में बांग्लादेश हैं। यहां की सरकार की वजह से असम की जनता बांग्लादेशियों से परेशान है। मोदी ने कहा, अब माता कामाख्या का आशीर्वाद पूरे देश को मिलने वाला है।
मोदी ने सवाल उठाया कि असम में प्राकृतिक संसाधनों की कमी नहीं है। लेकिन फिर यह राज्य बेहाल क्यों है? यहां का युवा बेरोजगार है। मोदी ने कहा कि सिल्चर की धरती त्याग और तपस्वियों की धरती है।
मोदी ने कहा बांग्लादेश से दो प्रकार के लोग भारत में आए हैं। एक वो हैं जो राजनीतिक षड्यंत्र के तहत आए हैं। दूसरे वो जिनका वहां जीना मुश्किल कर दिया गया है। उनका जीवन बर्बाद कर दिया गया है।
उनकी बहन-बेटियों की इज्जत सलामत नहीं है। उन्हें वहां से बिना किसी गुनाह के खदेड़ दिया जाता है। अगर वहां से हिंदुओं को इस तरह खदेड़ा जाएगा तो वह कहां जाएंगे।
अटल जी के वक्त पाकिस्तान से भी हिंदू लोग भारत आए थे उन्हें बसाने की योजना बनाई गई।
 * इससे पहले अरुणाचल प्रदेश की एक सभा में उन्होंने कहा कि अरुणाचल प्रदेश भारत का हिस्सा रहेगा। उन्होंने कहा कि सौगंध मेरी इस मिट्टी की, देश टूटने नहीं दूंगा। अपने भाषण के दौरान मोदी ने नीडो तानिया की मौत का भी जिक्र किया। पासीघाट में हुई रैली को संबोधित करते हुए नरेंद्र मोदी ने कहा कि विकास ही पूर्वोत्तर की समस्याओं का समाधान है।
अरुणाचल के लोगों की हिम्मत की सराहना करते हुए मोदी ने कहा कि यहां के लोग अकेले दम पर चीन के खिलाफ डटे हुए हैं। मोदी ने कहा कि पूर्वोत्तर के ८ राज्यों में इस बार कमल जरूर खिलेगा। मोदी ने कहा कि अरुणाचल वीरों की भूमि है। यहां के लोग अकेले दम पर चीन की दादागिरी का डजटकर मुकाबला करते हैं और शान से जयहिंद बोलते हैं।
नरेंद्र मोदी ने चीन से विस्तारवादी नीति छोड़ने की अपील करते हुए कहा कि देश के विकास पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए। राज्य के सर्वाधिक पुराने शहर पासीघाट में एक जनसभा को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि दुनिया भर के लोग चीन सरकार की विस्तारवादी नीति को स्वीकार नहीं करेंगे। विकास एक मात्र रास्ता है, जिससे को कोई राष्ट्र प्रगति के पथ पर चल सकता है।
 * * गुजरात के मुख्यमंत्री ने कहा कि तीन देशों के साथ सीमाएं लगने के कारण भौगोलिक दृष्टि से अरुणाचल प्रदेश बहुत संवेदनशील है। उन्होंने कहा कि राज्य के लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए देश की सुरक्षा के लिए बहुत सारे कदम उठाने की जरूरत है। अरुणाचल प्रदेश का प्रत्येक नागरिक एक सैनिक है।
मोदी ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश के लोगों की और उनकी जमीन की सुरक्षा हर कीमत पर की जाएगी और राज्य का विभाजन नहीं होने दिया जाएगा। वर्ष १९६२ के भारत-चीन युद्ध का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि उस समय अरुणाचल प्रदेश के लोगों ने चीन का बेहतर सबक सिखाया था और वे चीन के आक्रमण के खिलाफ एकजुटता के साथ खड़े हो गए थे।
मोदी ने करगिल युद्ध का उल्लेख करते हुए कहा कि इस दौरान अरुणाचल प्रदेश के लोगों ने असाधारण वीरता दिखाते हुए बलिदान दिया था। मोदी की यह एक पखवाडे के भीतर पूर्वोत्तर की दूसरी यात्रा है। इससे पहले उन्होंने गुवाहाटी और इंफाल में जनसभाएं की थी।
इस यात्रा के दौरान वह असम, अरुणाचल प्रदेश और त्रिपुरा में जनसभाएं करेंगे।
वह सुबह लगभग सवा दस बजे डिब्रूगढ हवाई अड्डे पर पहुंचे थे। हवाई अड्डे पर वह लगभग १५ मिनट तक रहे और गोपी गोगोई और अनंत हजारिका के परिजनों से मुलाकात की। इन दोनों की मौत आठ फरवरी को उस समय हो गयी थी, जब वे मोदी की जनसभा में हिस्सा लेने जा रहे थे। भाजपा नेता ने पार्टी के राज्य में शीर्ष पदाधिकारियों से मुलाकात भी की।
यहां के हैंडीक्राफ्ट भी करवाना हैं। महत्वपूर्ण है कि मोदी हरचंद कोशिश कर रहे हैं। वे इन सूबों में रैलियां कर रहे हैं। आम जनता से जुड़े सवालों को उठा  रहे है। राजधानी में अरुणाचल प्रदेश के छात्र नीडो की हत्या की कठोर शब्दों में निंदा की। वे पूर्वोत्तर के छात्रों से मिले भी। असम के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने मोदी की रैली के संबंध  में लोगों से अपील की हैं कि नरेंद्र मोदी का राज्य में मेहमान जैसा वर्ताव होना चाहिए।
अरुणाचल प्रदेश में नरेंद्र मोदी इससे पहले विजय संकल्प रैली को संबोधित कर चुके हैं। वे मणिपुर में भी रैली कर चुके हैं।
स्त्रोत : नितीसेन्ट्रल