आषाढ शुक्ल पक्ष दशमी/एकादशी, कलियुग वर्ष ५११६
असमके स्थानीय हिन्दुओंमें भाजपा शासनके विषयमें असंतोष
- ४ करोडसे अधिक बांग्लादेशी घुसपैठियोंपर कोई कार्यवाही न कर निर्वासित हिन्दुओंपर अन्याय करनेवाला निर्णय लेनेकी इच्छा करनेवाली भाजपा सरकार !
- हिन्दुत्वनिष्ठोंद्वारा तीन दिनतक ‘असम बंद’ करनेकी चेतावनी !
- बांग्लादेशके धर्मांध मुसलमानोंके नियंत्रणसे मुक्त होकर आए हिन्दुओंको पुनः बांग्लादेशमें भेजना अर्थात कसाईयोंके हाथसे छूटी गायोंको पुनः कसाईके हाथोंमें देनेके समानही है ! क्या यह भाजपा शासनको समझमें आएगा ?
गोहत्ती (असम) – वर्तमान समयमें असममें ऐसा प्रचार चालू हो गया है कि असममें २५ मार्च १९७१ के पश्चात बांग्लादेशसे आए हिन्दू एवं मुसलमानोंको पुनः बांग्लादेशमें भेजा जाएगा । इस विषयमें केंद्र अथवा राज्य शासनद्वारा वैधानिक रुपसे कोई घोषणा नहीं हुई अथवा प्रस्ताव नहीं आया । लोकसभा चुनावके प्रचारके समय नरेंद्र मोदीने ‘घुसपैठि बांग्लादेशियोंको हकालकर हिन्दुओंका पुनर्वसन किया जाएगा’, ऐसी घोषणा की थी; परंतु अब भारी मात्रामें प्रचार होते समय भाजपाद्वारा कोई स्पष्टीकरण अथवा वस्तुस्थिति नहीं प्रस्तुत की गई है । अतः असमके स्थानीय हिन्दुओंमें भाजपा शासनके विषयमें असंतोष व्याप्त होने लगा है । (बांग्लादेशी घुसपैठियोंको वापस भेजनेका विषय संवेदनशील होते हुए केंद्रकी भाजपा सरकारने असममें फैली अफवाहोंके विषयमें मौन क्यों रखा है ? हिन्दुओ, सभी पक्ष एक समान होनेके कारण अपनी रक्षाके लिए स्वतंत्र राजनीतिक पक्ष स्थापित कर ‘हिन्दू राष्ट्र’ लाएं ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात ) इस अनुषंगसे ही ‘सारा असम बंगाली जातीय परिषद’ने जुलाईके अंतिम सप्ताहमें राजधानी नई देहलीमें धरना आंदोलन आयोजित किया है । पत्रकार परिषद आयोजित कर इस विषयको प्रस्तुत किया जाएगा । उसीप्रकार तीन दिनतक असम बंद करनेकी चेतावनी भी दी गई है ।
२००७ में कांग्रेसकी राज्यसरकारने एक निर्णयके आधारपर बांग्लादेशसे असम आए हिन्दू एवं मुसलमानोंके संदिग्ध व्यक्तियोंको ढूंढकर उनको कारागृहमें रखा है तथा पिछले कुछ दशक पूर्व यहां आए बांगलादेशी हिन्दूओंके विषमें अन्याय्य भूमिका अपनाई जा रही है । ऐसे हिन्दुओंको कारागृहसे मुक्त करनेकी मांग इस आंदोलनद्वारा की जाएगी, ऐसी जानकारी इस परिषदके प्रतिनिधि श्री. सुधेंदु मोहन तालुकदारने दी है । उसीप्रकार देहलीके आंदोलनमें सभी हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनोंको सम्मीलित होनेका आवाहन भी किया है । इस आंदोलनमें हिन्दू जनजागृति समिति सम्मीलित होंगी ऐसा समितिने सूचित किया है ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात