कोलकाता : बांग्लादेश सरकार की एक रिपोर्ट पश्चिम बंगाल सरकार और भारत सरकार की चिंता बढ़ा दी है। बांग्लादेश सरकार द्वारा भारतीय गृह मंत्रालय को भेजी रिपोर्ट में पुष्टि की गई है कि बंगाल, असम और त्रिपुरा में आतंकी नेटवर्क तेजी से फैल रहा है।
बांग्लादेश में सक्रिय कई आतंकी संगठनों को इन राज्यों में पनाह मिल रही है। बांग्लादेश और भारत की सीमा के आर-पार जाना आसान है। आतंकी इसी का फायदा उठाकर बंगाल में घुसपैठ कर रहे हैं। बंगाल की लगभग २२००० किलोमीटर की सीमा बांग्लादेश से लगी है। हरकत-उल-जिहादी अल-इस्लामी और जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश सीमा पर कमजोर सुरक्षा का फायदा उठा रहे हैं। बंगाल की सीमा से भारत में घुसपैठ करने वाले कई आतंकियों के अलकायदा व इस्लामिक स्टेट से भी संबंध बताए जाते हैं।
एक रिपोर्ट के अनुसार, बंगाल में वर्ष २०१६ में जमात-उल-मुजाहिदीन और हरकत-उल-जिहादी अल इस्लामी यानी हूजी के कई आतंकियों ने घुसपैठ की है। खुफिया रिपोर्ट बताती हैं कि, इन दोनों संगठनों के दो हजार से ज्यादा आतंकियों ने भारत में घुसपैठ की। इनमें से ७२० पश्चिम बंगाल के रास्ते से पहुंचे हैं। हालांकि, पश्चिम बंगाल के अधिकारी इस रिपोर्ट पर सवाल उठाते हैं।
इन आंकड़ों पर विश्वास न भी करें तो भी जिस तरह से बांग्लादेश से घुसपैठ बढ़ रही है, वह बेहद खतरनाक है।
पिछले वर्ष जुलाई में ढाका के गुलशन कैफे में हुए धमाके का एक मास्टरमाइंड बंगाल के एक होटल में ठहरा था। इस आतंकी हमले के तार सीधे आईएस (इस्लामिक स्टेट) से जुड़े थे। आतंकी हमला बांग्लादेशी मूल के कनाडाई नागरिक तमीम चौधरी ने कराया था। बाद में वह खुद भी बांग्लादेश पुलिस को हाथों मारा गया था।
माना जाता है कि, तमीम और जेएमबी (जमात–उल मुजाहिदीन बांग्लादेश) का आतंकी मोहम्मद सुलेमान, ढाका हमले से पहले भारत आए थे। यहां वे मालदा जिले में भारत के अबू मूसा से मिले थे। सुलेमान और उसके साथ आया तमीमी, बंगाल के एक होटल में ठहरे थे। बंगाल मे इस आतंकी नेटवर्क का एक और सबूत उस समय मिला जब कोलकाता पुलिस ने ढाका के गुलशन कैफे में हुए हमले के एक आरोपी इदरिस अली को गिरफ्तार किया।
इदरिस अली को कोलकाता के बड़ा बाजार क्षेत्र से पकड़ा गया था। कोलकाता पुलिस को इदरिस के बड़ा बाजार में होने की जानकारी दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल से मिली थी। बंगाल में अवैध घुसपैठियों की दिक्कत राजनैतिक भी है और सुरक्षा का मामला भी।
स्त्रोत : जागरण