Thursday 14 September 2017

‘वंदे मातरम’ को इन्कार करनेवाले अबु आझमी कहते है देश के सम्मान के लिए रोहिंग्याआें को शरण दे


पिछले कुछ दिनों से मुंबर्इ में समाजवादी पार्टी के महाराष्ट्र के विधायक अबू आजमी ‘देश बचाआे देश बनाआे’ आंदोलन चला रहा है, जिसमें वे ‘भारत सरकार रोहिंग्या मुसलमानों को भारत में शरण दे’ यह मांग कर रहे है । १३ सितंबर को रोहिंग्या सॉलिडरीटी मूव्हमेंट, मुंबर्इ की आेर से मुंबर्इ मराठी पत्रकार संघ के कार्यालय में पत्रकार परिषद का आयोजन किया गया था । उस समय ‘रोहिंग्या मुसलमानों के पुनर्वास के लिए भारत सरकार आगे आए’ यह मांग की गर्इ । इस समय कर्इ मुस्लिम संगठनों के कार्यकर्ता तथा पदाधिकारी भी उपस्थित थे ।
इस समय अबू आजमी ने कहा, ‘‘मोदी सरकार ‘भीखमंगी’ हो चुकी है । इसके पूर्व हमने बांग्लादेशी निर्वासितों को भारत में आश्रय दिया था । यदि सरकार को टैक्स चाहिए, तो हम उसे जमा कर सरकार को देने के लिए सिद्ध है । राेहिंग्याआें को शरण ना देने के कारण पूरे विश्व में भारत की बदनामी हो रही है । हम भी इसी देश का एक अंग है । देश के सम्मान के लिए रोहिंग्याआें को भारत में आश्रय देना चाहिए । जिस प्रकार तस्लिमा नसरीन जैसों को भारत में आश्रय दिया गया है, उसी प्रकार रोहिंग्याआें को भी आश्रय मिलना चाहिए । ’’
उपर अबू आजमी का एक विडिआे भी दिया है, जिसमें वे रोहिंग्या मुसलमानों का समर्थन करते हुए अपना मत प्रकट कर रहे है । यह सब बाते देखने तथा पढने पर कुछ सूत्र ध्यान में आए, जिनपर सभी हिन्दुआें ने तथा राष्ट्रप्रेमी नागरिकों ने गौर करना चाहिए :
१. ‘हमारी जान चली जाए, फिर भी हम वंदे मातरम नहीं कहेंगे’ एेसा कहकर देश का अपमान करनेवाले अबू आजमी ने देश के सम्मान की बात करना शर्मनाक है ।
२. अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों को पिछले राज्यकर्ताआें की निष्क्रियता तथा व्होटबैंक पाॅलिटिक्स के कारण आश्रय मिला है । इन्हें भी रोहिंग्या मुसलमानों के साथ साथ देश से बाहर कर देना चाहिए ।
३. कुछ दिन पूर्व अबू आजमी ने कहा था, ‘‘चाहे हमें देश से बाहर कर दिजिए. पर हम पर वंदे मातरम् कहने की सख्ती ना करे ।’’ तो किसी राष्ट्रप्रेमी नागरिक के मन में यह विचार आ सकता है की ’भारत सरकार रोहिंग्याआें के साथ साथ अबू आजमी जैसे लोगों को भी बाहर करना चाहिए ।´
४. पिछली २ दशकों से भी अधिक समय से कश्मीरी हिन्दू, जिहादी आतंकवाद के कारण अपने ही देश में निर्वासितों का जीवन जी रहे है । तब अबू आजमी का मानवतावाद तथा ’देश का सम्मान’ कहां गया था ?
५. म्यानमार में पिछले कुछ दिनों में रोहिंग्या आतंकवादियों ने सैकडो हिन्दुआें की हत्या की है एैसी वार्ताएं सामने आर्इ है । यदि एैसे आतंकवादियों को भारत में आश्रय मिलेगा, तो वे कितने हिन्दुआें की यहां हत्या करेंगे, एेसा प्रश्न भी मन में आता है ।
६. हाल ही में प्रकाशित हुए एक समाचार के अनुसार हैद्राबाद में एक रोहिंग्या मुस्लिम युवक को पासपोर्ट बनवाते समय पुलिस ने गिरफ्तार किया है । उसके पास से आधार कार्ड, पॅनकार्ड आदि प्राप्त किए गए । किसी ‘शरणार्थी’ को इस प्रकार के महत्त्वपूर्ण दस्तावेज मिल सकते है, यह देश के सुरक्षा के लिए बहुत गंभीर समस्या है । इसमें दोषी भ्रष्ट अधिकारियों पर तुरंत ही कारवार्इ होनी चाहिए । यह समाचार पढकर एेसा प्रश्न भी मन में आ सकता है की ‘क्या अबू आजमी जैसे राजकीय नेता प्रशासन पर इस प्रकार के दस्तावेज देने के लिए दबाव तो नहीं डाल रहे है ना ?’

आप क्या कर सकते है ?

१. भारत सरकार ने राेहिंग्या मुसलमानों को वापस भेजने का जो निर्णय लिया है, उसके लिए अपना समर्थन भारत सरकार को इमेल तथा सोशल मिडीया के माध्यम से भेजे । किसी के भी दबाव में ना आते हुए अपने निर्णय पर कायम रहे ।
२. भारत सरकार से अनुरोध करे की रोहिंग्या मुसलमानों के साथ साथ सभी अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों को भी भारत से बाहर भेजे ।
३. अबू आजमी के वक्तव्यों का सोशल मिडीया के माध्यम से संवैधानिक मार्ग में विरोध करे । इसलिए आप #ProtestAbuAzmi जैसे हैशटैग का भी उपयोग कर सकते है । इस विषयपर आप अपने मित्र, परिवार के सदस्य तथा अन्य राष्ट्रप्रेमी नागरिकों के साथ चर्चा कर उनमें इस विषयपर जागृति निर्माण कर सकते है ।

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