कोलकाता : एसटीएफ के हाथों पकड़े गए अलकायदा के तीनों आतंकियों शमशाद, रियाज और शहादत से पूछताछ में और भी कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं । शहादत से गहन पूछताछ में पता चला है कि, वे लोग सितंबर के आखिरी सप्ताह और अक्टूबर के पहली सप्ताह के बीच उत्तर २४ परगना जिले (पश्चिम बंगाल) के बशीरहाट स्थित गाछाग्राम से लगी बांग्लादेश की सीमा से भारत में घुसे थे ।
यह वही क्षेत्र है जहां से पश्चिम बंगाल के रास्ते बांग्लादेश में गायों की तस्करी होती है । आतंकियों को भी सीमा पार करवाने के लिए इसी कॉरीडोर का उपयोग किया जाता है । पांच-पांच हजार रुपये दलालों को देकर इन आतंकियों को सीमा पार करवाया गया था ।
इसमें सीमा पर तैनात सुरक्षा एजेंसियों के जवानों की भी मिलीभगत सामने आई है । बशीरहाट के रास्ते आतंकियों के सीमा पार होने की जानकारी मिलने के बाद बीएसएफ की खुफिया टीम भी जांच में जुट गई है । लालबाजार पुलिस मुख्यालय पहुंचकर गिरफ्तार किए गए आतंकियों, विशेषकर शहादत हुसैन से पूछताछ की गई । सीमा पार करवाने वाले दलालों की पहचान कर उनकी धरपकड़ की तैयारी की जा रही है ।
कई और आतंकियों के सीमा पार करने की जानकारी सामने आई
शहादत ने पूछताछ में बताया कि, उसने गाछाग्राम के इस कॉरीडोर से और भी कई आतंकियों को सीमा पार करवाया है । इनमें नयन, सजल और उमर फारुख के अलावा भी कुछ आतंकियों के पश्चिम बंगाल में घुसने की आशंका जताई जा रही है ।
अलकायदा के तीनों आतंकियों से पूछताछ में पता चला है कि, शमशाद व रियाज तीन फरार चल रहे आतंकियों नयन, सजल और फारुख के साथ हावड़ा स्टेशन के ठीक पास स्थित शिवम होटल में ठहरे थे । उक्त होटल में छापामारी व जांच के बाद ही एसटीएफ को होटल के रजिस्टर से उमर फारुख के बारे में जानकारी मिली । हावड़ा के इस होटल से एसटीएफ को अलकायदा के तीसरे फरार आतंकी उमर फारुख उर्फ माही के बारे में जानकारी मिली है । उसके पास पश्चिम बंगाल का आधार कार्ड है । उसने मोहम्मद अफताब खान के नाम से आधार कार्ड बनवा रखा है । उसी के आधार पर वह भी शिवम होटल में ठहरा था ।
यह घटना से कुछ सूत्र ध्यान में आते है . . .
१. आज बांग्लादेशी घुसपैठिए बडे आराम में भारत की सीमा में प्रवेश कर रहे है । एक रिपोर्ट के अनुसार, बांग्लादेशी सीमा काफी लंबी है इसलिए हर जगह सैनिकों की गश्त संभव नही है । इसलिए घुसपैठियों को आराम से भारत में प्रवेश करना संभव होता है । सरकार ने इसकी आेर गंभीरता से ध्यान देकर यह घुसपैठ रोकने के लिए प्रयास करने चाहिए, नहीं तो यही बांग्लादेशी आगे जाकर भारत में आतंकी गतीविधीयों को अंजाम देने में कोर्इ कसर नहीं छोडेंगे ।
२. दुसरा मुद्दा ये है कि, केवल पैसों के लिए आतंकियों को देश में घुसने के लिए सहायता करनेवाले देशद्रोहीयों की भी गंभीरता से जांच होनी आवश्यक है । अधिकतर घुसपैठियों के पास नकली दस्तावेज़ मिल चुके है । इन्हे यह दस्तावेज़ उपलब्ध करवा देनेवाले भ्रष्ट अधिकारी भी भारत की सुरक्षा में सेंध लगा रहे है । एेसे अधिकारीयों को खोजकर उन्हें बन्दी बनाकर उनपर देशद्रोह का मुकदमा चलाना चाहिए । केन्द्र सरकार ने एेसा गुनाह करनेवालों को कठोर से कठोर दंड देना चाहिए, जिससे कोर्इ भी आगे भ्रष्टाचार करने की हिम्मत न कर सकें ।