Wednesday 22 November 2017

कोलकाता : दो संदिग्ध बांग्लादेशी आतंकी और उनका भारतीय साथी गिरफ्तार, ५० आधार कार्ड बरामद


दो संदिग्ध बांग्लादेशी आतंकी और उनका भारतीय साथी (मध्य में) गिरफ्तार
कोलकाता : बांग्लादेश के एक प्रतिबंधित आतंकी संघटन  अंसार बांग्ला’ के दो संदिग्ध सदस्यों और उनके एक भारतीय साथी को मंगलवार को शहर पुलिस के विशेष कार्य बल (एसटीएफ) ने कोलकाता रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया । एसटीएफ के उपायुक्त मुरलीधर शर्मा ने बताया कि, बांग्लादेश के सिलहट के रहनेवाले शमशाद मियां उर्फ तनवीर सैफुल उर्फ तुषार विश्वास और खुलना के रहनेवाले रिजाउल इस्लाम उर्फ रियाज डेढ़ साल पहले भारत में घुस आये थे । शमशाद इंजीनियर है और उसके पास तुषार विश्वास नाम का पैन कार्ड मिला । उनके पास से पचास आधार कार्ड और हाथ से लिखी पर्चियां मिली हैं जिनमें शहर के धर्मातला और पार्क स्ट्रीट जैसे इलाकों के नाम हैं ।
एसटीएफ के उपायुक्त ने कहा कि, रासायनिक पदार्थों की कुछ जानीमानी दुकानों के विजिटिंग कार्ड भी जब्त किए गए । पुलिस को संदेह है कि, उन्होंने बम बनाने के लिए इन दुकानों से रासायनिक पदार्थ खरीदे । उन्होंने कहा कि, उनके भारतीय साथी की पहचान मनोतोष डे उर्फ मोना के रूप में की गयी है जो पश्चिम बंगाल के उत्तरी २४ परगना जिले के बसीरहाट का निवासी है । वह कथित शस्त्र विक्रेता है । शमशाद मियां और रिजाउल इस्लाम का हाथ बांग्लादेश में १७ ब्लॉगरों की हत्या में होने का संदेह है ।
यह घटना से कुछ सूत्र ध्यान में आते है . . .
१. आज बांग्लादेशी घुसपैठिए बडे आराम में भारत की सीमा में प्रवेश कर रहे है । एक रिपोर्ट के अनुसार, बांग्लादेशी सीमा काफी लंबी है इसलिए हर जगह सैनिकों की गश्त संभव नही है । इसलिए घुसपैठियों को आराम से भारत में प्रवेश करना संभव होता है । सरकार ने इसकी आेर गंभीरता से ध्यान देकर यह घुसपैठ रोकने के लिए प्रयास करने चाहिए, नहीं तो यही बांग्लादेशी आगे जाकर भारत में आतंकी गतीविधीयों को अंजाम देने में कोर्इ कसर नहीं छोडेंगे ।
२. दुसरा मुद्दा ये है कि, केवल पैसों के लिए आतंकियों को आधारकार्ड, पॅन कार्ड जैसे महत्त्वपूर्ण दस्तावेज़ उपलब्ध कैसे होते है ? इसकी भी गंभीरता से जांच होनी आवश्यक है । अधिकतर घुसपैठियों के पास नकली दस्तावेज़ मिल चुके है । इन्हे यह दस्तावेज़ उपलब्ध करवा देनेवाले भ्रष्ट अधिकारी ही भारत की सुरक्षा में सेंध लगा रहे है । एेसे अधिकारीयों को खोजकर उन्हें बन्दी बनाकर उनपर देशद्रोह का मुकदमा चलाना चाहिए । केन्द्र सरकार ने एेसा गुनाह करनेवालों को कठोर से कठोर दंड देना चाहिए, जिससे कोर्इ भी आगे भ्रष्टाचार करने की हिम्मत न कर सकें ।

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