Wednesday 30 May 2018

जिहादी नजरुल किसी भी बांग्लादेशीयों को अपना रिश्तेदार बताकर केवल ५,००० रुपये में बनवा देता था भारतीय


अवैध बांग्लादेशीयों की घुसपैठ पर लगाम न लगाने का ही यह परिणाम है ! इतने बांग्लादेशी भारत में घुसने तक क्या प्रशासन सो रहा था ? यदि पहले से ही घुसपैठ रोकने के लिए कठोर प्रयास किए होते, तो आज देश के सामने बांग्लादेशी घुसपैठीयों की नाैबत ही नहीं आती  !
देश की अनेक गंभीर समस्याओं में से एक समस्या है बांग्लादेशीयों की घुसपैठ ! बांग्लादेशी घुसपैठियों के संदर्भ में एक निरीक्षण ब्यौरे के अनुसार प्रतिदिन ६ सहस्र बांग्लादेशी अवैध रुपसे भारत में प्रवेश करते हैं । अवैध रुपसे भारत में घुसपैठ करना पारपत्र कानून का उल्लंघन तो है ही; परंतु इस घुसपैठ के कारण देश के सामने अनेक संकट उत्पन्न भी हो रहे हैं । 
गाजियाबाद : कविनगर पुलिस ने गाजियाबाद में लंबे समय से अवैध रूप से रह रहे तीन बांग्लादेशियों को गिरफ्तार किया । उनके पास से भारत की नागरिकता से जुडे कई दस्तावेज बरामद हुए हैं, जिन्हें गलत तरीके से बनवाया गया था । एक आरोपित ने तो बिसरख में घर भी बनवा लिया है । वह केवल पांच हजार रुपये लेकर बांग्लादेश से अवैध ढंग से आए लोगों के दस्तावेज तैयार कर उन्हें भारतीय नागरिक बनवा देता था । अपने पते पर वह ५०-६० लोगों के दस्तावेज बनवा चुका है ।

मुखबिर ने दिलाई बडी सफलता

कविनगर थाना प्रभारी प्रदीप त्रिपाठी ने बताया कि, मंगलवार सुबह तीन लोग आरटीओ के पास खडे होकर बात कर रहे थे । वहीं पुलिस का एक मुखबिर भी मौजूद था । उसे उन लोगों की बातों से शक हुआ । उसकी जानकारी के आधार पर पुलिस ने तुरंत छापा मारकर तीनों को दबोच लिया । पूछताछ में पता चला कि, तीनों बांग्लादेशी हैं और लंबे समय से गाजियाबाद में रह रहे हैं । वे लोग पश्चिम बंगाल के रास्ते भारत में दाखिल हुए थे । बंगाल में उन्होंने पढाई से जुडे दस्तावेज तैयार कराए और फिर उनके आधार पर जिले में अन्य कागजात बनवा लिए ।
गिरफ्तार बांग्लादेशियों के नाम आलम शेख, नजरुल इस्लाम और इमाम हुसैन हैं । उनके पास से पासपोर्ट, आधार कार्ड, पैन कार्ड समेत अन्य दस्तावेज मिले हैं । थाना प्रभारी ने बताया कि, नजरुल के कुछ रिश्तेदार लूट और डकैती की मामले में जेल में बंद हैं । इस मामले में एलआईयू, क्राइम ब्रांच और आईबी ने भी पूछताछ की है ।

खडा कर लिया प्रॉपर्टी का कारोबार

पुलिस के अनुसार, आलम शेख इंदिरापुरम की आम्रपाली सोसायटी में रहता है । उसके पास से कर्नाटक के पते का आईडी कार्ड भी मिला है । उसने बताया कि वह लगभग १७ साल से भारत में है । इस समय वह प्रॉपर्टी का कारोबार कर रहा था । वहीं, नजरुल ने बिसरख में घर बनवा लिया है । वह बांग्लादेश से आए लोगों को अपना रिश्तेदार बता उनके फर्जी दस्तावेज तैयार कराता था । इमाम हुसैन फिलहाल नजरुल के ही साथ रह रहा था ।
स्त्रोत : नवभारत टाइम्स

Monday 28 May 2018

महाराष्‍ट्र : आतंकवाद निरोधक दस्‍ते (एटीएस) ने छापा मारकर ३६ बांग्‍लादेशी किए गिरफ्तार


महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधक दस्‍ते (एटीएस) ने पुणे ग्रामीण के पिपंरी चिंचवड में छापा मार कर अवैध तरीके से रहे ३६ बांग्लादेशियों को गिरफ्तार किया है ! अभी कई इलाकों में भी छापेमारी की जा रही है । पिपंरी चिंचवड़ में कल से छापेमारी चल रही है । एटीएस को इलाके में बांग्‍लादेशियों के होने की सूचना मिली थी !
बता दें कि इससे पहले मार्च में भी महाराष्ट्र के आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने बगैर वैध दस्तावेजों के भारत में रहने के आरोप में आठ बांग्लादेशी नागरिकों को कांदिवली इलाके से गिरफ्तार किया था । पुलिस ने इस बात की जानकारी दी । अधिकारियों ने रविवार रात कांदिवली के लालजीपदा इलाके में एटीएस की चारकोप इकाई की छापेमारी के बाद इन आठ आरोपियों को गिरफ्तार किया ।
बताया गया कि उन्होंने कबूल किया था कि वे बांग्लादेश के नागरिक हैं ! दो लोगों ने तो पैन कार्ड और आधार कार्ड भी बनवा लिया था ! पासपोर्ट (भारत में प्रवेश) नियमों, विदेशी अधिनियम और आईपीसी की धाराओं के तहत उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया ।
स्त्रोत : न्यूज 18

Friday 25 May 2018

दिसंबर तक पूरी तरह सील हो जाएगी भारत-बांग्लादेश सीमा : असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल


असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल
गुवाहाटी : भारत और बांग्लादेश की सीमा इस साल दिसंबर तक पूरी तरह से सील कर दी जाएगी। यह घोषणा असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने गुरुवार को की।
मुख्यमंत्री ने अपने कार्यकाल के दो साल पूरे होने पर एक कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि हमने २०१६ में चुनाव के दौरान वादा किया था कि हम दो साल में भारत-बांग्लादेश सीमा सील कर देंगे। मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि इस साल दिसंबर तक भारत-बांग्लादेश-आसाम सीमा पूरी तरह से सील कर दी जाएगी !
उन्होंने आगे कहा कि जहां तक नदियों के किनारे स्थित सीमा की बात है तो उन्हें नॉन फिजिकल बैरियर्स से बंद किया जाएगा वहीं जमीन पर स्मार्ट फेंसिंग लगाई जाएगी। इससे घुसपैठ और सीमा पर अवैध गतिविधियों को रोक लगेगी। बता दें कि मुख्यमंत्री बनने के बाद सोनोवाल तीन बार सीमा पर जा चुके हैं !
स्त्रोत : नई दुनिया

Tuesday 1 May 2018

राजस्थान के अलवर माजरी गांव में बस रहे है बांग्लादेशी !


  • अलवर के बहरोड के माजरी गांव में अवैध बांग्लादेशियों ने किया कब्जा

  • बना रहे है फर्जी आधार कार्ड

राजस्थान :  बहरोड विधानसभा क्षेत्र के माजरी गांव में पुलिस चौकी के निकट ईंट-भट्टों पर काम करने वाले संदिग्ध बांग्लादेशियों का पूरा गांव बस गया और पुलिस-प्रशासन इससे बेखबर रहा ।
राजस्थान पत्रिका ने २१ अप्रेल के अंक में माजरी में रह रहे बांग्लादेशी, मतदाता बनने की तैयारी में शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया तो जिला मुख्यालय का प्रशासन जागा और तुरंत एक टीम बनाकर कार्रवाई को भेजा । रविवार को एक ही ईंट-भट्टे से ३४ संदिग्ध बांग्लादेशियों को पकडा है । जिनसे लगभग १६ आधार कार्ड भी जब्त किए गए हैं । ये ज्यादातर आधार कार्ड भी फर्जी हैं, जो उन्होंने उसी गांव में ५०० से १००० रुपए देकर बनवाए हैं । पूरी गहनता से यहां के सभी ३० से अधिक ईंट-भट्टों पर कार्रवाई की गई तो ३०० से अधिक संदिग्ध हो सकते हैं, तो छोटे गांव या ढाणी की जनसंख्या से कहीं अधिक है । यहां कार्रवाई में डीएसबी शाखा अलवर से बलदेव राज व नीमराणा थाना प्रभारी हितेश शर्मा, उप निरीक्षक ताराचंद व पुलिस टीम मौजूद थी ।
आश्चर्य की बात यह है कि, ईंट भट्टे वालों ने इनसे कोई जानकारी या दस्तावेज नहीं लिए । ठेकेदारों के सहयोग से फर्जी आधार कार्डतक बनवा लिए । अब भट्टों के मालिक, ठेकेदार व फर्जी आधार कार्ड बनवाने वालों पर भी गाज गिर सकती है । तभी आगे इस तरह के संदिग्ध लोगों को आने से रोका जा सकता है ।
गुप्तचर एजेंसी या पुलिस प्रशासन पहले सचेत होता तो इन मासूमों को नहीं भटकना पडता । जो यहां आकर पैदा हुए हैं । उनका कसूर तो नहीं है । शुरूआत में ही इनको यहां रहने से रोक दिया जाता या वापस बांग्लादेश भेज दिया जाता । अब पकडऩे के बाद भी यही कार्रवाई की जाएगी ।

रोहिंग्या के बाद सख्ती

देश में रोहिंग्या मुसलमानों की घुसपैठ के बाद से सभी गुप्तचर एजेंसियां सक्रिय है । जो बांग्लादेशियों पर भी बराबर नजर बनाए हुए हैं । इसके बावजूद भी देश में बांग्लादेशी मिल रहे है । बहुत जगहों पर गुपचुप कार्य कर रहे हैं । स्थानीय लोगों को विश्वास में लेकर आधार कार्ड बनवा लेते हैं । यह भी हो सकता है कि कुछ ने मतदाता सूचियों में नाम भी जुडवा लिए हों । यह सब जांच मेंं सामने आ सकेगा ।

बगल में चौकी, फिर भी बेखबर

जानकारी के अनुसार ये संदिग्ध बांग्लादेशी कई सालों से धीरे-धीरे आकर यहां बसे हैं । पैसे देकर आधार कार्ड बनवाते रहे । जबकि बगल में ही पुलिस चौकी है । इसके बावजूद उनको यह भनक तक नहीं लगी और बांग्लादेश से बॉर्डर पार कर संदिग्ध यहां आकर जमते गए । तभी तो इतनी संख्या में संदिग्ध बांग्लोदशी हैंं । जिसका अनुमान एक ईंट भट्टे पर मिले ३४ बांग्लादेशियों से लगा सकते हैं ।
स्त्रोत : पत्रिका