Tuesday 1 May 2018

राजस्थान के अलवर माजरी गांव में बस रहे है बांग्लादेशी !


  • अलवर के बहरोड के माजरी गांव में अवैध बांग्लादेशियों ने किया कब्जा

  • बना रहे है फर्जी आधार कार्ड

राजस्थान :  बहरोड विधानसभा क्षेत्र के माजरी गांव में पुलिस चौकी के निकट ईंट-भट्टों पर काम करने वाले संदिग्ध बांग्लादेशियों का पूरा गांव बस गया और पुलिस-प्रशासन इससे बेखबर रहा ।
राजस्थान पत्रिका ने २१ अप्रेल के अंक में माजरी में रह रहे बांग्लादेशी, मतदाता बनने की तैयारी में शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया तो जिला मुख्यालय का प्रशासन जागा और तुरंत एक टीम बनाकर कार्रवाई को भेजा । रविवार को एक ही ईंट-भट्टे से ३४ संदिग्ध बांग्लादेशियों को पकडा है । जिनसे लगभग १६ आधार कार्ड भी जब्त किए गए हैं । ये ज्यादातर आधार कार्ड भी फर्जी हैं, जो उन्होंने उसी गांव में ५०० से १००० रुपए देकर बनवाए हैं । पूरी गहनता से यहां के सभी ३० से अधिक ईंट-भट्टों पर कार्रवाई की गई तो ३०० से अधिक संदिग्ध हो सकते हैं, तो छोटे गांव या ढाणी की जनसंख्या से कहीं अधिक है । यहां कार्रवाई में डीएसबी शाखा अलवर से बलदेव राज व नीमराणा थाना प्रभारी हितेश शर्मा, उप निरीक्षक ताराचंद व पुलिस टीम मौजूद थी ।
आश्चर्य की बात यह है कि, ईंट भट्टे वालों ने इनसे कोई जानकारी या दस्तावेज नहीं लिए । ठेकेदारों के सहयोग से फर्जी आधार कार्डतक बनवा लिए । अब भट्टों के मालिक, ठेकेदार व फर्जी आधार कार्ड बनवाने वालों पर भी गाज गिर सकती है । तभी आगे इस तरह के संदिग्ध लोगों को आने से रोका जा सकता है ।
गुप्तचर एजेंसी या पुलिस प्रशासन पहले सचेत होता तो इन मासूमों को नहीं भटकना पडता । जो यहां आकर पैदा हुए हैं । उनका कसूर तो नहीं है । शुरूआत में ही इनको यहां रहने से रोक दिया जाता या वापस बांग्लादेश भेज दिया जाता । अब पकडऩे के बाद भी यही कार्रवाई की जाएगी ।

रोहिंग्या के बाद सख्ती

देश में रोहिंग्या मुसलमानों की घुसपैठ के बाद से सभी गुप्तचर एजेंसियां सक्रिय है । जो बांग्लादेशियों पर भी बराबर नजर बनाए हुए हैं । इसके बावजूद भी देश में बांग्लादेशी मिल रहे है । बहुत जगहों पर गुपचुप कार्य कर रहे हैं । स्थानीय लोगों को विश्वास में लेकर आधार कार्ड बनवा लेते हैं । यह भी हो सकता है कि कुछ ने मतदाता सूचियों में नाम भी जुडवा लिए हों । यह सब जांच मेंं सामने आ सकेगा ।

बगल में चौकी, फिर भी बेखबर

जानकारी के अनुसार ये संदिग्ध बांग्लादेशी कई सालों से धीरे-धीरे आकर यहां बसे हैं । पैसे देकर आधार कार्ड बनवाते रहे । जबकि बगल में ही पुलिस चौकी है । इसके बावजूद उनको यह भनक तक नहीं लगी और बांग्लादेश से बॉर्डर पार कर संदिग्ध यहां आकर जमते गए । तभी तो इतनी संख्या में संदिग्ध बांग्लोदशी हैंं । जिसका अनुमान एक ईंट भट्टे पर मिले ३४ बांग्लादेशियों से लगा सकते हैं ।
स्त्रोत : पत्रिका

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