असम में एनआरसी ड्राफ्ट जारी होने के बाद सडक से लेकर संसद तक हलचल मची हुई है ! इसमें ४० लाख लोगों का नाम शामिल नहीं हैं। उनकी नागरिकता पर सवाल खडे हो गए हैं। हालांकि, गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने यह स्पष्ट कर दिया है, यह फाइनल लिस्ट नहीं है। अभी इसमें और सुधार किया जाएगा। वहीं, इस मसले पर ममता बनर्जी ने कहा कि मोदी सरकार बांटों और राज करो की नीति अपना रही है ! इससे देश में गृह युद्ध छिड जाएगा। परंतु इन सब के बीच बडी बात यह है कि आखिर एनआरसी ड्राफ्ट की आवश्यकता क्यों पडी ? दरअसल असम राज्य में बांग्लादेशी घुसपैठ की समस्या काफी समय से है। यह यहां की बडी समस्या बन गई है। आज हम आपको बता रहे हैं कि असम में किस तरह से घुसपैठ हो रहा है। घुसपैठ से जुडा एक वीडियो सामने आया है, जिसमें यह साफ दिख रहा है कि बांग्लादेशी भारत में किस तरह से घुस रहे हैं !
भारत और असम के बीच अंतरराष्ट्रीय सीमा ४००० किलोमीटर की है, परंतु असम से लगनेवाली यह सीमा २७२ किलोमीटर है। इसमें ९५ किलोमीटर नदी सीमा है। इस सुरक्षा की जिम्मेदारी बीएसएफ की है। इस रिपोर्ट में असम के टाकमारी गांव का उल्लेख है, जो बार्डर पर स्थित है। एक बीएसएफ अधिकारी ने बताया कि, “इसकी दूरी बार्डर से महज २० से ३० मीटर है। यहां एक आेर भारतीयों के घर है तो दूसरी ओर बांग्लादेशियों के घर। यहां किसी तरह की घेराबंदी नहीं की गई है। इस गांव में काफी संख्या में लोग रहते हैं। यहां से घुसपैठ भी काफी होता है। ऐसे में यह आवश्यक है कि यहां रहनेवाले लोगों को दूसरे जगह पर शिफ्ट कर देना चाहिए। यह घुसपैठ के लिहाज से काफी संवेदनशील है। यदि कभी संदिग्ध लोगों का पीछा करते किसी घर में घुस जाते हैं तो गांववाले सेना के उपर ही गंभीर आरोप लगाने लगते हैं !”
इस रिपोर्ट में बताया गया है कि असम की जनसंख्या में तेजी से वृद्धि हुई है। यहां अचानक कई परिवारों का नाम वोटर लिस्ट में जुड गया। रिपोर्ट में मवेशी हार्ट को सीमा से कम से कम २० किलोमीटर दूर लगाने और बार्डर पर स्थित गांव को फेंसिग से रिलोकेट करने की बात कही। रिपोर्ट में कहा गया था कि एक बांग्लादेशी पासपोर्ट धारक न केवल आसानी से असम में जमीन खरीद सकता है, बल्कि यहां से चुनाव भी लड सकता है ! कई जगह खुली बार्डर है तो कई जगह मवेशियों के सहारे घुसपैठ होता है। असम से बांग्लादेश तक ब्रह्मपुत्र नदी बहती है। कई जगह इस नदी का एक सीमा भारत में है तो दूसरा सीमा बांग्लादेश में। इस नदी के सहारे काफी लोग भारत में घुसपैठ करते हैं, मवेशियों की तस्करी होती है !
स्त्रोत : जनसत्ता
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